तड़प जाएज है चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वह कौन से देश चले गए |


तड़प जाएज है चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वह कौन से देश चले गए

बिना जात-पात पूछे जनता की सेवा कर रहे लगातार श्रीकांत

मैहर विधानसभा क्षेत्र नेतृत्वकर्ता होने के बावजूद मैहर की जनता ने अपने आप को हमेशा अनाथ महसूस किया है देखा जाए तो मध्य प्रदेश के साथ पूरे देश में डबल इंजन की सरकार ने जनता के लिए जहां एक और विकास के सारे दरवाजे खोल दिए गरीब तत्व के लोगों को उनके अधिकार का पूरा फायदा सरकार ने पहुंचाया वही  मैहर के जनता ने जिस विश्वास के रूप में अपना नेता चुना था वह जनता को अंधकार में छोड़कर ना जाने कहां लापता हो गए थे जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपनी निजी राजनीति की रोटी सेकने के लिए कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के पाले में बैठे नजर आए थे इतना ही नहीं शहर की जनता को जब नेतृत्वकर्ता की आवश्यकता थी तब वह शहर में दिखे ही नहीं।

 

जिसके कारण जानता में काफी रोष देखने को मिला जिसका परिणाम ये रहा कि अब उन्हें पुनः कांग्रेस के करप्सन नाथ के परिक्रमा करनी पड़ रही है  ऐसी स्थिति में सामाजिक सेवा कार्य करने वाले श्रीकांत चतुर्वेदी के कार्यालय में लगातार 5 वर्षों तक स्थानीय जनता अपनी समस्या को लेकर पहुंचती थी जहां पर श्रीकांत चतुर्वेदी द्वारा ना तो किसी से जात पूछी ना पात   ना किसी  से यह पूछा कि तुम किस दल के हो उनका केवल एक ही लक्ष्य था कि हमारे विधानसभा की जनता को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े और अपनी समस्या लेकर आए लोगों की बिना पद में रहते हुए स्थानीय शासन प्रशासन से उनके कार्यों को पूरा करने का काम किया श्रीकांत चतुर्वेदी सामाजिक सेवा करने में पिछले 5 सालों के अतिरिक्त राजनीतिक जीवन में लगातार समाज सेवा करते चले आ रहे हैं.

 

पिछले कई वर्षों से लगातार मैहर में लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत सव वाहन  की सौगात देने वाले भी श्रीकांत चतुर्वेदी है जिन्होंने पिछले कई वर्षों से लगातार स्थानी लोगों की सहायता के लिए निशुल्क सव वाहन  चलवाया है जो लगभग लाखों किलोमीटर अब तक चल चुका है ऐसे दुख की घड़ी में भी उन्हें कभी सेवा को राजनीतिक रूप नहीं दिया वहीं देखा जाए तो अतिरिक्त कई लोग ऐसे नेता थे जिन्होंने इस तरह का ढोंग किया और कुछ ही दिन में उनकी एंबुलेंस सेवा बंद हो गई जब क्षेत्र की जनता वोल्टेज कम और बरसात न होने के कारण काफी मोटर सिचाई के लिए खेतो में चल रही थी जिसे सिंचाई के लिए उपयोग करा जा रहा था और लोड सेटिंग काफी खर्च होने के  कारण ट्रांसफार्मर जल रहे थे एक साथ काफी मात्रा में ट्रांसफार्मर जलने के कारण क्षेत्र की जनता को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ा वहीं दूसरी ओर जब जनता को अपने नेतृत्व करता की आवश्यकता थी तो वह दिल्ली भोपाल की फाइव स्टार होटल में बैठे नजर आए लेकिन श्रीकांत चतुर्वेदी ने जमीनी स्तर पर उतरकर लोगों की समस्या को सुनने के साथी गांव गांव के जिले ट्रांसफार्मर बदलवाया यहां तक की अपने पैसे से खर्च करके जले हुए ट्रांसफार्मर को रिपेयर करवा करके भी लगवाने का काम किया है यह उनका काम कोई जनता पर एहसान नहीं था यह उनका सेवा भाव था जो क्षेत्र की जनता के प्रति सदैव देखा गया है.

 लेकिन अब नेतृत्वकर्ता अपनी जिम्मेदारी को क्षेत्र की जनता के ऊपर एहसान बता रहे हैं जो सरासर गलत है जनता 5 साल के लिए अपना नेतृत्व करता चुनती है और नेतृत्व करता को जनता की समस्याओं का निदान करना उसका परम कर्तव्य होता है । श्रीकांत चतुर्वेदी ने कहा कि मेरा जीवन का लक्ष्य समाज सेवा था है और आगे भी रहेगा लेकिन अब जनता को सवाल पूछने का समय आ गया है कि जब उनके क्षेत्र में वोट मांगने के लिए  नेता आएंगे तो उनसे पूछे कि वह 5 साल कहां थे और अपना बहूमत सहयोग भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ अपना विश्वास दिखाएं जो सरकार आज गरीब तत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है ऐसी सरकार को बनाने में जनता बिल्कुल भी भ्रमित ना हो और अपना अमूल्य मत देकर भारतीय जनता पार्टी को एक बार पुनः ऐतिहासिक मतों से विजय बनाने का काम मैहर विधानसभा की जनता को करना पड़ेगा 

 

दिनेश यादव की खाश खबर

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